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जीएसटी बिल पास करने वाला पहला राज्य बना असम

August 23, 2016


असमः जीएसटी बिल पर मुहर लगाने वाला पहला राज्य

असमः जीएसटी बिल पर मुहर लगाने वाला पहला राज्य

जीएसटी बिल (गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स बिल), जिसे औपचारिक तौर पर संविधान (122वां संशोधन) विधेयक, 2014 के नाम से जाना जाता है, एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर है जो भारत में किसी वस्तु के निर्माण, बिक्री और खपत के साथ ही सेवा पर लगता है। लागू होने पर पूरे भारत में एक समान टैक्स लगेगा और एक्साइज ड्यूटी, काउंटरवेलिंग ड्यूटी और सेवा कर के साथ ही राज्य सरकार के वैट (मूल्य संवर्द्धित कर), एंट्री टैक्स और लग्जरी टैक्स खत्म हो जाएंगे।

केंद्र और राज्य सरकारें इस विधेयक को भारत में एक संघीय गणराज्य के तौर पर इसे लागू कर रही हैं।

असम की विधानसभा देश की पहली विधानसभा बन गई है, जिसमें सर्वसम्मति से जीएसटी बिल को 13 अगस्त 2016 को मंजूरी दी गई। असम में कांग्रेस और एआईयूडीएफ के विधायकों ने विधानसभा में इस बिल पर शुरू में चर्चा की मांग की थी। वे चाहते थे कि इस विधेयक से राज्य और असम के लोगों पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की जाए। हालांकि, इस अनुरोध को स्पीकर ने खारिज कर दिया और विधेयक सर्वसम्मति से पारित हो गया। इस बिल को पारित करने और लागू करने में पहला राज्य बनने की दिशा में असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की मंशा यह थी कि वे उद्योगों को सकारात्मक संकेत देना चाहते थे। वित्त मंत्री हिमांता बिस्वा शर्मा का कहना है – “हम हमेशा से पीछे रह जाते थे। लेकिन इस बिल को पारित करने में सबसे आगे रहना चाहते थे। यह एक ऐतिहासिक प्रस्ताव है। मैं स्पीकर को धन्यवाद अदा करना चाहता हूं जिन्होंने बीती रात को इस बिल के बारे में जानकारी देने के बाद इसे आज ही पेश करने की इजाजत दे दी।” विधेयक को शर्मा ने ही असम के मुख्यमंत्री की ओर से सदन में पेश किया था।

केंद्र सरकार ने भी सभी राज्यों को जीएसटी के मुद्दे पर एकमत करने के लिए काफी प्रयास किए हैं। उसका उद्देश्य नई टैक्स व्यवस्था को एक अप्रैल 2017 से लागू करना है। भारत के वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल ही में कहा था कि इस बिल को हमें हर हालत में अप्रैल 2017 से लागू करना है। उससे पहले संघशासित प्रदेशों दिल्ली और पुड्डुचेरी की विधानसभाओं को मिलाकर 31 में से 16 में इसे पारित करना जरूरी है। राज्यों से पारित होने के बाद यह बिल जीएसटी परिषद (जीएसटीसी) के पास जाएगा, जो नई टैक्स दर तय करेगी। सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि – “हमें उम्मीद है कि दोनों ही बिल (केंद्रीय जीएसटी और इंटरस्टेट जीएसटी) को शीतकालीन सत्र में संसद में पेश किया जाएगा। मैं इस मुद्दे पर पहले ही 15 मुख्यमंत्रियों से बात कर चुका हूं।”

जीएसटी बिल की निम्न विशेषताएं होंगीः

जीएसटी के तहत मिलने वाले 42% राजस्व को केंद्र सरकार राज्यों को उनके हिस्से के तौर पर लौटाएगी

पूर्वोत्तर और हिमालयीन राज्यों ने टैक्स में रियायत की मांग की थी, इस आधार पर उन्हें विशेष छूट दी जाएगी।

बाढ़ और भूकंप जैसी राष्ट्रीय आपदाओं की स्थिति में अतिरिक्त राजस्व के लिए राज्य सरकारें जीएसटीसी से मंजूरी लेकर विशेष टैक्स भी वसूल सकती हैं।

असम के वित्त मंत्री हिमांता बिस्वा शर्मा ने ट्वीट कर कहा– “खुशी के साथ बताना चाहता हूं कि असम विधानसभा ने सर्वसम्मति से जीएसटी बिल को मंजूरी दे दी है।” “मुझे इस बात का गर्व है कि देश की कर व्यवस्था में व्यापक बदलाव लाने वालेऐतिहासिक जीएसटी बिल को पारित करने वाला असम देश का पहला राज्य बन गया है।”