Rate this {type} अगस्त 2018 में, एक नाबालिग ने अपने 3 स्कूली साथियों पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया और बाद में उन्हें यौन अपराध अधिनियम (पीओसीएसओ), 2012 के तहत बच्चों के संरक्षण के लिए दोषी ठहराया गया। पीड़ित कक्षा 4 का एक छात्र था, जबकि अपराधी कक्षा 7, 8 और 10 के छात्र थे। हालांकि यह मामला अदालत तक पहुँचने में कामयाब रहा, लेकिन ऐसे कई अन्य मामले हैं जिन पर ध्यान नहीं दिया जाता [...]
Rate this {type} India and our parallel cinema 1960 के दशक के प्रतिष्ठित फ्रेंच-स्विस फिल्म निर्देशक जीन-लुक गोडार्ड ने कहा, कि “मुझे सिनेमा के अलावा जीवन के बारे में कुछ भी नहीं पता”। यह सच है, कि सिनेमा अक्सर हमारे दैनिक जीवन का प्रतिबिंब है। यह मनोरंजन के स्रोत से कहीं अधिक है और केवल पैरलेल सिनेमा का ही उद्भव केवल इस बिंदु को साबित करता है। द लंच बॉक्स, मार्गरीटा विद ए स्ट्रॉ, मसान’ [...]
Rate this {type} जब आप सुबह 21 वीं शताब्दी की भारतीय महिला के रूप में उठती हैं और अपने दिन की शुरुआत करती हैं, तो आप कैसा महसूस करती हैं? आपके पास 1947 से मतदान अधिकार, 1950 से संवैधानिक अधिकार हैं, तो चीजें अच्छी होनी चाहिए, है ना? कम से कम जब तक आप अपनी सुरक्षा को लेकर, यहां तक कि दिन के उजाले में भी, सार्वजनिक परिवहन का प्रयोग करने से डरती हैं। 2018 [...]
Rate this {type} आपकी राजनीति की प्रखरता को इस प्रकार से देखा जा सकता है जिस प्रकार से आप लोगों और श्रोताओं को अपने भाषणों से मंत्रमुग्ध करते हैं। इन सभी के बाद राजनीति एक बुद्धि का एक खेल है। इस परिभाषा के अनुसार, कोई तर्क देगा कि प्रधानमंत्री मोदी एक अच्छे राजनेता हैं। उनका शब्दों पर नियंत्रण किसी एक रहस्य से कम नहीं है। मोदी, 2014 में एनडीए सरकार के सत्ता में आने से [...]
Rate this {type} Prisoner’s rights or human rights? कथित तौर पर मिली जानकारी के अनुसार, 1981 में, बिहार की जेल में पुलिस अधिकारियों द्वारा संदिग्ध अपराधियों को सुइयों से और एसिड डालकर अन्धा कर दिया गया था। यह मामला, खात्री बनाम बिहार राज्य का है और अब इसे भागलपुर ब्लाइंडिंग केस के रूप में भी जाना जाता है। 2015 में, निर्भया मामले में एक नाबालिक बलात्कारी स्वतंत्र व्यक्ति के रूप बाल सुधार गृह से बाहर [...]
Rate this {type} वर्ष 2018 रुचि का स्थान: दिल्ली की एक व्यस्त सड़क। एक युवा मां दिन में पांच बार अपने बेटे को डांटती है। कारण है? कि उसने अपनी मां की दोस्त से हेलो के बजाय नमस्ते करके उनका अभिवादन किया। यहां इस तरह के कई दिखावे हैं। हिंदी, सदियों से समृद्ध इतिहास के साथ चली आ रही एक भाषा है, जो आज खुद इतिहास बनने के कगार पर खड़ी है। भाषा धीरे-धीरे लुप्त [...]
Rate this {type} यद्यपि धर्म की कोई “एक यथार्थ” व्याख्या नहीं है, फिर इसे अक्सर विश्वास या एक अलौकिक शक्ति की पूजा’ के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसे व्यापक रुप में ‘ईश्वर का नाम दिया जाता है। अनुमानों के अनुसार, दुनिया में लगभग 4200 धर्म और निश्चित रूप से, अनगिनत भक्त हैं। भारत अकेला कम से कम नौ मान्यता प्राप्त धर्मों का घर है, यदि हम मानते हैं कि हिंदू धर्म अकेला [...]
Rate this {type} भारतीय परिवार जैसे परिवारों में उन्नति करना किसी के लिए भी बहुत मुश्किल होता है, यहाँ तक कि यदि आप कुछ करने का इरादा रखते हैं तो कह दिया जाता है कि पहले बड़े हो जाओ। हमारी संस्कृति में, लोग अक्सर हमारे अन्दर की कमियों को परखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। शायद इसी कारण से 21 वीं शदीं में होने के बावजूद, हम अभी तक यह नहीं कह सकते [...]
Rate this {type} क्या राहुल गांधी ने आखिरकार “पप्पू” का टैग छोड़ दिया है? ऐसा मालूम पड़ता है कि अब राहुल गांधी बड़े हो गए हैं और उन्होंने भारतीय राजनीतिक क्षेत्र में बहुत ही शानदार तरीके से आने की घोषणा की। जब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी संसद में अपना मनोरंजक भाषण दे रहे थे तब उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की। जब बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने [...]