Home / / बाबा रामदेव ब्रांड के तहत एक नई अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी

बाबा रामदेव ब्रांड के तहत एक नई अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी

September 9, 2016


बाबा रामदेव ब्रांड के तहत एक नई अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी

बाबा रामदेव ब्रांड के तहत एक नई अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी

योग गुरु बाबा रामदेव विश्वस्तरीय यूनिवर्सिटी शुरू करने की तैयारी में है। इस वादे के साथ कि वह अमेरिका में आईवी-लीग्स में प्रतिस्पर्धा करेगी। उन्हें भरोसा है कि अगले पांच साल में वे ऐसी यूनिवर्सिटी बना देंगे। उन्हें यह भी उम्मीद है कि उनकी यूनिवर्सिटी से हर शैक्षणिक सत्र में अलग-अलग संकायों में करीब एक लाख छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करेंगे। उनका वादा है कि यह यूनिवर्सिटी सदियों पुरानी गुरुकुल परंपरा को जीवित करेगी और अन्य यूनिवर्सिटियों से अलग होगी। यहां न केवल पठन-पाठन की प्रणाली अलग होगी, बल्कि यहां से बेहतरीन विद्वान, राजनेता और पेशेवर निकलेंगे। प्रस्तावित यूनिवर्सिटी का उद्देश्य स्वास्थ्य, कारोबार और शिक्षा पर रहेगा। यूनिवर्सिटी 1500 एकड़ जमीन पर तैयार होगी, जिसके लिए नई दिल्ली के पास जमीन पहले ही ले ली गई है। एक तरह से प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। इस प्रोजेक्ट पर करीब 25 हजार करोड़ रुपए खर्च होने की उम्मीद है। बाबा रामदेव की योजना पतंजलि के प्रोडक्ट्स से होने वाले लाभ में से 80 प्रतिशत का इस्तेमाल इस प्रोजेक्ट में करने की है।

बाबा रामदेव ने 23 अगस्त 2016 को हाउस्टन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान “योग एंड इनर पीस” विषय पर बोलते हुए यह घोषणा की। बाबा रामदेव ने बताया कि उनकी यूनिवर्सिटी भी हाउस्टन यूनिवर्सिटी की ही तरह होगी। जहां आईवी लीग्स की प्रतिस्पर्धा में शिक्षा का स्तर रहेगा। हकीकत तो यह है कि बाबा रामदेव का लक्ष्य ऐसी यूनिवर्सिटी शुरू करने का है, जो सबसे प्राचीन उच्च शिक्षा केंद्रों, नालंदा और तक्षशिला के स्तर की हो। पूरी दुनियाभर के छात्रों को इस यूनिवर्सिटी में पढ़ने का मौका मिलेगा।

बाबा रामदेव के दिमाग में पठन-पाठन के लिए गुरुकुल प्रणाली का ख्याल आया है और इसके लिए उन्होंने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय से राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर वैदिक शिक्षा बोर्ड बनाने का अनुरोध भी किया है।

बाबा रामदेव- क्या वे इस बार फिर समय पर डिलीवर कर पाएंगे?

बाबा रामदेव, एक तरह से भारतीय अध्यात्म, आंतरिक और भौतिक दोनों ही, के ध्वजवाहक के तौर पर काम करते आए हैं। उन्होंने यह साबित किया कि जो भी वादा करते हैं, उसे पूरा करते हैं। फिर चाहे वह सभी तरह की बीमारियों से दूर रहने के लिए 30 मिनट का वेलनेस योग कार्यक्रम हो या एफएमसीजी की दुनिया में अपने पतंजलि उत्पादो के साथ धमाकेदार प्रवेश, बाबा रामदेव ने अब तक हर मोर्चे पर सफलता हासिल की है। पिछले साल उनके कॉरपोरेट उपक्रम ने 100 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। एफएमसीजी क्षेत्र में उनके उत्पादों का ही नतीजा है कि डाबर, नेस्ले और हिंदुस्तान यूनीलीवर जैसी दिग्गज कंपनियों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। बाबा रामदेव ने स्वदेशी की अवधारणा को पंख दिए और एफएमसीजी क्षेत्र में नए नियम
बनाए। देशी उत्पादों की गुणवत्ता सुधारकर उन्होंने उपभोक्ताओं को न केवल कंपनी से जोड़ा बल्कि अपने कारोबार को 5000 करोड़ रुपए के भी पार ले गए।

बाबा रामदेव, एक बार फिर स्वदेशी की व्यवस्था को आगे बढ़ाने में लगे हैं। वह भी प्रस्तावित यूनिवर्सिटी में गुरुकुल प्रणाली के जरिए। भारतीय उपमहाद्वीप की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत ने दुनियाभर से लोगों को आकर्षित किया है। यह कहने की जरूरत नहीं है कि गुरुकुल प्रणाली के तहत गुरु के साथ रहकर ज्ञान अर्जित करने की अवधारणा दूर-दराज के देशों के लोगों को आकर्षित करेगी। मजाकिया लहजे में बात करें तो हर रोज योग करने से कम से कम जिंदगी में काफी कुछ बातें तो बदल ही जाएंगी।

बाबा रामदेव ने कहा- “यूनिवर्सिटी अलग-अलग विधाओं में एक लाख छात्र-छात्राओं को शिक्षा देगी। शिक्षा का स्तर ऐसा होगा कि हार्वर्ड और कैम्ब्रिज के छात्र-छात्राएं भी यहां पढ़ने को प्रेरित होंगे।”

कई दशक पहले स्थापित दिल्ली यूनिवर्सिटी और क्राइस्ट यूनिवर्सिटी जैसी यूनिवर्सिटियों को घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन नई दिल्ली में एमिटी यूनिवर्सिटी जैसी नई यूनिवर्सिटियों को बाबा रामदेव की यूनिवर्सिटी से आने वाले बरसों में तगड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। बात आधुनिक सुख-सुविधाओं की हो तो भी इन नई यूनिवर्सिटियों को बाबा रामदेव के ब्रांड नेम से प्रतिस्पर्धा करनी होगी, जो इस पूरे प्रोजेक्ट को स्वदेशी का तड़का लगा देंगे। हालिया अध्ययन के मुताबिक, कोर्सेस के विकल्प न होने की वजह से हर साल करीब 3 लाख छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं। उम्मीद की जा सकती है कि बाबा रामदेव की अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी न केवल विदेश जाकर पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में कमी लाएगी बल्कि विदेश से पढ़ने के लिए भारत आने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या में इजाफा करेगी।

निष्कर्ष

एक यूनिवर्सिटी अलग-अलग संकायों के कॉलेजों का कोलाज होता है। बुनियादी ढांचा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षक, गुणवत्ता और मूल शैक्षणिक काम के साथ ही पढ़ने के लिए आने वाले छात्र-छात्राओं की गुणवत्ता और आखिर में सबसे महत्वपूर्ण, पूर्व छात्रों का प्लेसमेंट और प्रदर्शन… मिलकर एक यूनिवर्सिटी साकार होती है। बाबा रामदेव की अंतरराष्ट्रीय यूनिवर्सिटी एक बार स्थापित हो गई तो वह लंबा सफर तय करेगी। इस प्रोजेक्ट में बाबा रामदेव की वचनबद्धता भी साफ दिखाई देती है। हम सभी सांस थामकर बाबा रामदेव के इस प्रोजेक्ट को सफल होते देखना चाहते हैं।

अन्य जानकारियां

भारत के बारे में संपूर्ण जानकारी
भारत सरकार की परियोजनाएं
भारत सरकार
कैबिनेट मंत्री की सूची 2016
भारत के राष्ट्रपति
भारत के प्रधानमंत्री
भारतीय मुख्यमंत्री
विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र
भारत की न्यायपालिका
भारत का सर्वोच्च न्यायालय
भारत के राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश