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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के कच्छ में लांच की नई परियोजनाएं

May 25, 2017


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22 मई को नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुजरात में कांडला बंदरगाह ईरान के चाबहार पोर्ट से जोड़ा जायेगा। संयोग से, भारत सरकार की सहायता से पोर्ट का विकास किया जा रहा है। यह उम्मीद की जाती है कि जब इस जुड़ाव प्रक्रिया को पूरा किया जायेगा तो इससे भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने यह भी सुझाव दिया है कि कांडला पोर्ट ट्रस्ट केपीटी (जो देश में सबसे अधिक कार्गो का नियंत्रण करता है) उसका पंडित दीनदयाल उपाध्याय के शताब्दी समारोह पर नाम बदलकर दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट रखा जाएगा। उपाध्याय भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख विचारकों में से एक थे। इस समारोह में भारत के प्रधानमंत्री ने कांडला में नई सुविधाओं और विकास की नींव रखी।

प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है

मोदी  के अनुसार हर गुजरते दिन के साथ अधिक मेहनत कर रहे हैं। इस तरह के बंदरगाह को अच्छी तरह से विकसित करने और वैश्विक व्यापार के क्षेत्र में अपनी जगह सुनिश्चित करने के लिए नवीनतम और सर्वोत्तम सुविधाओं को लागू करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि कांडला बंदरगाह बहुत कम समय में एशिया के शीर्ष बंदरगाहों में से एक बन गया है। इस विशेष संदर्भ में यह बात भी ध्यान देने की जरूरत है कि कांडला 20 वर्षों से भारत में सबसे बड़ा कार्गो हैंडलिंग पोर्ट बना रहा है।

कमाई

कांडला में सुविधाओं के विकास के लिए मोदी ने 993 से 996 करोड़ रूपये की परियोजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने यह भी उम्मीद जताई है कि भारत के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को सुधारने के अलावा कच्छ आधारित बंदरगाह और ईरान में चबाहर के बीच संबंध, विकास के नए युग को लाने में काफी मदद करेगें। उन्होंने कहा है कि कांडला दोनों तरह के तरल और शुष्क माल का आवागमन करेंगा। उन्हें यह भी लगता है कि इस योजना की शुरूआत से इस क्षेत्र के आर्थिक सहयोग को सहायता मिलेगी। यह पूरी योजना केंद्र सरकार द्वारा चलायी जा रही सागरमाला परियोजना का हिस्सा है। उम्मीद की जाती है कि कांडला का यह विकास माल की सस्ती ढुलाई में भी सहायता करेगा।

पाइप लाइन में परियोजनाएं

सभी छह परियोजनाओं द्वारा कांडला बंदरगाह को और भी विकसित करने की कोशिश की जा रही है। मोदी को उम्मीद है कि कांडला और चबाहर के बीच के संबंध से कांडला विश्व के व्यापारिक नक्शे में अपने लिए एक स्थायी जगह स्थापित करने में सक्षम हो जाएगा। यहां पर जिन परियोजनाओं पर बात की जा रही है उनमे से एक सम्मेलन केंद्र भी है जिसे भीमराव अम्बेडकर के नाम से होने की उम्मीद है।

गुजरात का दौरा

संयोग से यह यात्रा 2017  की तीसरी यात्रा है, इससे यह पता चलता है कि मोदी अपने गृह राज्य में आ जा रहे हैं जहाँ उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में लगातार सेवा की है। गुजरात में भी इस साल विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है। वास्तव में बीजेपी की सरकार गुजरात राज्य में 20 साल से अधिक समय से सत्ता में है। इस मीटिंग के दौरान मोदी ने अफ्रीकी विकास बैंक (एएफडीबी) की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में भाग लिया। संयोग से, एएफडीबी के एजीएम के लिए मुख्य भाषण भारत के केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दिया था। वास्तव में मोदी ने खुद कच्छ में कई आम बैठकें की हैं।