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अमरनाथ यात्रा के लिए क्या करें और क्या न करें?

June 30, 2018


अमरनाथ यात्रा के लिए क्या करें और क्या न करें?

अमरनाथ की पवित्र वार्षिक तीर्थ यात्रा 28 जून से शुरू हो गई है और इस यात्रा का समापन 26 अगस्त 2018 को होगा। वार्षिक अमरनाथ यात्रा का पंजीकरण पहले ही शुरू हो चुका है। इस बीच श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) ने तीर्थयात्रियों के लिए क्या करें और क्या न करें के नियम जारी किए हैं ताकि यात्रा बिना बाधा के शांतिपूर्वक की जा सके।

अमरनाथ यात्रा के लिए क्या करें

  • ऊनी कपड़े: सभी उम्मीदवारों को पर्याप्त ऊनी कपड़े लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि यहाँ का तापमान बहुत अप्रत्याशित है और यह अचानक 5 डिग्री सेल्सियस से भी नीचे गिर सकता है।
  • बारिश से रक्षा: बारिश और हवा से बचाने वाली सभी चीजें जैसे कि रेनकोट, छतरी, वायुरोधक और जलरोधक जूतों को अपनी सुरक्षा के लिए लाना चाहिए।
  • जलरोधक बैग: अपने सभी आवश्यक सामान रखने के लिए जलरोधक बैग हमेशा बेहतर होता है, ताकि आवश्यक सामान गीले न हो पाएं।
  • पता नोट: सभी तीर्थ यात्रियों को इसको अपने साथ ले जाना चाहिए। विशेष रूप से नाम, पता और टेलीफोन नंबर के साथ एक आपातकालीन प्रयोजन की एक चिठ्ठी को यात्रा के निर्धारित समय में सामने की जेब या पर्स में रखें।
  • पहचान पत्र: ड्राइविंग लाइसेंस, यात्रा परमिट या किसी भी अन्य पहचान प्रमाण के रूप में आप अपने साथ आयु प्रमाण पत्र भी ले जाएं।
  • हमेशा समूह में रहें: सुरक्षित रहने के लिए हमेशा समूह में यात्रा करें। आप अपने क्षेत्र के सभी चिर-परिचित लोगों के साथ एक ही समय में यात्रा करना सुनिश्चित करें।
  • एक समूह में शिविर छावनी छोड़ें: यात्रा पूरी होने पर अपने समूह के सदस्यों के साथ शिविर छावनी छोड़ दें।
  • पुलिस मामला: आपके समूह से किसी भी सदस्य के लापता होने की घटना के मामले में तत्काल पुलिस सहायता प्राप्त करें। एक विकल्प यात्रा शिविर में पब्लिक संबोधन प्रणाली पर घोषणा करने का भी है।
  • साझा करना और मदद करना: हमेशा अपने साथी यात्रियों की सहायता के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए।
  • निर्देशों का पालन करें: यात्रा प्रशासन द्वारा जारी किए गए सभी निर्देशों का और प्रशासन की घोषणा का सभी यात्रियों को पालन करना चाहिए।
  • नियंत्रण कक्ष: आकास्मिक घटना या आपातकाल जैसी किसी भी तरह की सहायता के लिए, नियमित अंतरालों पर स्थित एसएएसबी शिविर निदेशकों और यात्रा नियंत्रण कक्षों से तत्काल संपर्क किया जा सकता है। पर्वतीय बचाव दल (एमआरटी) भी विभिन्न स्थानों पर उपलब्ध है।
  • समय की पाबंदी: डोमल और चन्दनवारी का प्रवेश नियंत्रण कक्ष सुबह 5.00 बजे से 11.00 बजे तक ही खुला रहता है। हमेशा समय से दरवाजे पर पहुँचें। गेट बंद होने के बाद यात्रियों को तीर्थयात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाती है।
  • लंगर: यात्रा के पूरे क्षेत्र में लंगरों के जरिए यात्रियों को मुफ्त भोजन खिलाया जाता है।
  • फिक्स्ड मेनू: सभी यात्रियों को बोर्ड द्वारा निर्धारित विकल्प सूची का पालन करना चाहिए और यह सूची आधिकारिक वेबसाइट shriamarnathjishrine.com पर उपलब्ध है।
  • पूर्व सक्रिय कार्ड: अन्य राज्यों के सिम कार्ड जम्मू और कश्मीर एवं यात्रा क्षेत्र में काम नहीं करते हैं। लेकिन यात्री शिविर छावनी में पूर्व सक्रिय सिम कार्ड खरीद सकते हैं।

अमरनाथ यात्रा के लिए क्या न करें

  • साड़ी की अनुमति नहीं: महिला यात्री को साड़ी नहीं पहननी चाहिए, क्योंकि साड़ी पहनकर चढ़ाई करना मुश्किल होगा। इसके बजाय उन्हें आरामदायक सलवार कुर्ता, पैंट शर्ट या ट्रैक सूट पहनना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को अनुमति नहीं: 6-सप्ताह से अधिक गर्भवती महिलाओं को यात्रा करने की अनुमति नहीं है।
  • युवा बच्चों और बूढ़े लोगों को अनुमति नहीं: 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और 75 वर्ष से अधिक आयु वाले बूढ़े लोगों को यात्रा करने की अनुमति नहीं है।
  • चेतावनी सूचना: आपको खतरनाक चेतावनी सूचना द्वारा चिह्नित क्षेत्रों के करीब नहीं ठहरना चाहिए।
  • बिना चप्पल: आपको चप्पल नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि चप्पल के साथ खड़ी चढ़ाई करना और दुर्गम यात्रा करना बहुत असुविधाजनक होता है इसके अलावा, आप नंगे पैर भी नहीं चल सकते हैं।
  • कोई छोटा रास्ता नहीं: इस मार्ग पर कोई छोटा रास्ता नहीं है। इसलिए आप छोटे रास्ते पर जाने की कोशिश न करें?
  • प्रदूषण न करें: यात्रा क्षेत्र को दूषित न करें और पर्यावरण की रक्षा करें। अपने साथ कोई पॉलिथीन बैग न ले जाएं। यह जम्मू-कश्मीर में एक दंडनीय कार्य माना जाता है।
  • शोर न करें: जोर से बोलना और अनावश्यक शोर करके साथी यात्रियों को परेशान न करें।
  • सिक्कों को न फेकें: अमरनाथ गुफा में दर्शन करते समय आपको शिवलिंगम की ओर मुद्रा नोट, सिक्के, सजावटी चुन्नी, पीतल के बर्तन आदि को फेंकने की अनुमति नहीं है।
  • रातभर न रहें: उच्च ऊँचाई और अपूर्वानुमेय मौसम की वजह से किसी को भी रात भर गुफा में रहने की अनुमति नहीं है।
  • 3 बजे अपराह्न के बाद गुफा के लिए शिविर न छोड़ें: 6 बजे के बाद अमरनाथ गुफा के दर्शन करने की अनुमति नहीं है। इसलिए आपको 3 बजे के बाद अमरनाथ गुफा के दर्शन करने लिए पंजटर्नी शिविर छोड़ने की अनुमति नहीं है।