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दिल्ली-एनसीआर में मानसून से रोगों का प्रकोप

July 6, 2018


दिल्ली-एनसीआर में मानसून से रोगों का प्रकोप

मानसूनी बादलों ने दिल्ली-एनसीआर और संपूर्ण राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, यूपी और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों को कवर किया है। मौसम विभाग के अधिकारियों ने जुलाई और अगस्त के महीनों में अच्छी बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया है। वास्तव में, इस साल पूर्व मानसून की बारिश बहुत अच्छी हुई है, पिछले 14 सालों से राजधानी में जून को अत्यधिक खराब महीना माना जाता था।

मानसून के साथ बीमारियाँ

ग्रीष्म ऋतु की तेज गर्मी की चमक के कारण  दिल्ली-एनसीआर वासी उत्सुकता के साथ मानसून का इंतजार करते हैं, इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि मानसून के आगमन के साथ बीमारियों में भी अचानक वृद्धि होती है। पिछले कुछ दिनों से सुबह की बरसात ने पहले ही दिल्ली, नोएडा और गुरूग्राम के कई हिस्सों में जलभराव कर दिया है, जल भराव बीमारियां फैलने का एक कारण है। वैसे भी दिल्ली और एनसीआर में मानसून की बारिश से प्रभावित होना कुछ नया नहीं है। हर साल, राजधानी शहर जबरदस्त मानसून के कारण भारी कीमत चुकाता है। मानसून के आगमन के कारण संक्रमित बुखार, मलेरिया, टाइफाइड, डेंगू, चिकनगुनिया, भोजन विषाक्तता, निर्जलीकरण, पीलिया और इस तरह की कई बारहमासी बीमारियां होती हैं। संक्रामित बीमारियों का मौसम आमतौर पर मध्य जुलाई से आरम्भ होता है और नवंबर के अंत तक रहता है।

2015 में, दिल्ली के अन्दर 15,867 डेंगू रोग के चौंकाने वाले मामले सामने आये हैं। 20 वर्षों में, यह सबसे ज्यादा संख्या थी। बीते साल इस बीमारी से  60 लोगों की मृत्यु हुई थी। 2016 में, दिल्ली के नगर निगम (एमसीडी) के अनुसार मलेरिया से 17 और डेंगू से 10 लोगों की मृत्यु हुई थी। 2016 में, दिल्ली में चिकनगुनिया फैल गया जिसने 7,760 लोगों को प्रभावित किया था। ईश्वर का शुक्र है कि किसी की मौत नहीं हुई।

सबसे अधिक प्रभावित कौन हैं?

  • इस मानसून में, लंबे समय से बीमार रहने वाले लोगों, बच्चों और बुजुर्गों के प्रभावित होने की अधिक संभावना है।
  • कम प्रतिरक्षा शक्ति या अस्थमा के रोगियों के लिए मानसूनी मौसम में बीमारियों से ग्रस्त होने की अधिक संभावना है।
  • यहाँ तक कि अगर सावधानी नहीं बरती गई तो युवा स्वस्थ वयस्क भी मानसूनी बीमारी से रोग ग्रस्त हो सकते हैं।
  • आमतौर पर, मानसूनी बीमारियों के लक्षण में ज्यादातर बुखार, ठंड, खाँसी, सिरदर्द, गले में संक्रमण और पेट संक्रमण होते हैं।
  • यदि इनमें से कोई भी लक्षण दिख रहा है तो तत्काल डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।

नवीनतम एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) रिपोर्ट

  • एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) द्वारा 1 जुलाई, 2017 को समाप्त हुए सप्ताह में एक नवीनतम रिपोर्ट जारी की थी जिसके मुताबिक, जनवरी से दिल्ली अस्पताल में चिकनगुनिया के कुल 153 मामले पहले से ही दर्ज किए थे।
  • दिल्ली में पिछले महीने अकेले चिकनगुनिया रोग के 12 मामले दर्ज किए गए थे।
  • जनवरी से डेंगू के 99 मामले दर्ज किए गए थे।
  • 2017 में मलेरिया के मामलों की संख्या भी बढ़ीथी, जनवरी के बाद से 125 मामले दर्ज किए गए थे।

मानसूनी मौसम और हमारी तैयारी

विशेषज्ञों का कहना है कि पूर्व मानसून अवधि से पहले ही एमसीडी की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार इस प्रकार की बीमारियों का प्रकोप सामने आया है, इस प्रकार मानसून के समय में इस प्रकार के रोगों में और बढ़ोतरी हो सकती है। बारिश के बाद, मच्छर प्रजनन के लिए मौसम अधिक अनुकूल हो जाता है। मानसून के आगमन के बाद अब संबंधित अधिकारी बीमारियों के प्रकोप को कम करने या रोकथाम के लिए तैयारी कर रहे हैं।

  • आम आदमी पार्टी ने एमसीडी के चुनाव घोषणापत्र में कहा था कि दिल्ली को संक्रमित बीमारियों से मुक्त क्षेत्र बनाना है। आप पार्टी के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन सीबीआई जाँच के घेरे में आने के बाद, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वयं ही महत्वपूर्ण बैठकें आयोजित करने और स्वच्छ दिल्ली की दिशा में काम करने की जिम्मेदारी ली है।
  • इस साल जून में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संबंधित अधिकारियों को एक व्यापक योजना बनाने का निर्देश दिया था।
  • इस दौरान, नागरिक निकायों ने दावा किया है कि वे दिल्ली एनसीआर के विभिन्न स्थानों पर मच्छर प्रजनन मैदान पर नजर रखे हुए हैं।
  • दिल्ली सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों और नर्सिंग होम, सरकारी और निजी दोनों के लिए निर्देश जारी किये थे ताकि डेंगू या चिकनगुनिया के किसी भी मामलों के संभावित बीमारी फैलने पर उनसे निपटने के लिए बिस्तर क्षमता 20% तक बढ़ायें।
  • दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने डेंगू और चिकनगुनिया रोगियों के लिए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा को और केंद्र सरकार से भी अस्पतालों में 10% बेड आरक्षित करने का अनुरोध किया था।
  • केजरीवाल ने 3 नगर निगमों और दिल्ली सरकार के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में इस विषय पर चर्चा भी की थी जिसमें बताया गया था कि राजधानी शहर इससे कैसे निपटेंगे और संक्रमित रोगों से छुटकारा पाने का प्रयास कैसे करेंगे।
  • सभी तीन एमसीडी ने दावा किया है कि उन्होंने मानसून के रोगों की रोकथाम के लिए क्या करें और क्या न करें के बारे में जागरूकता अभियान चलाया है।
  • इसके अलावा, सरकार ने काउंटर पर एस्पिरीन और ब्रूफ़ेन जैसी गैर-उत्तेजक एंटी-इन्फ्लोमैट्री दवा की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है क्योंकि ये दवायें डेंगू और चिकनगुनिया रोगियों को नुकसान पहुँचा सकती हैं।

सारांश

उचित सावधानी बरतने के बाद आप मानसून का आनंद ले सकते हैं। हालांकि सरकार और एमसीडी अपने सतर्कता उपाय कर रहे हैं, हम नागरिकों को भी रोगों की रोकथाम के लिए अपनी तरफ से सावधानी बरतनी चाहिए। विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षित रहने का सबसे अच्छा तरीको में घरों के आस-पास पानी जमा न होने देना, उबला हुआ पानी पीना और शरीर को ज्यादा से ज्यादा ढक कर रखना शामिल हैं। हमें विशेष रूप से अपने निचले अंगों को ढककर रखना चाहिए क्योंकि आमतौर पर मच्छर शरीर के निचले हिस्से में ही काटते हैं। हम लोगों को मच्छरदानी के अन्दर सोना चाहिए यह एक बहुत ही अच्छा समाधान है। आखिर में हमें कम से कम अपने परिवेश को साफ और स्वच्छ रखना चाहिए।