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अक्टूबर और नवंबर 2018 में शीर्ष भारतीय त्यौहार

October 29, 2018


अक्टूबर और नवंबर 2018 में शीर्ष भारतीय त्यौहार

अक्टूबर और नवंबर 2018 में मनाए जाने वाले भारतीय त्यौहार

भारत एक ऐसा देश है जिसे जीवन जीने का तरीका पता है। हमारे देश में त्योहारों, जिसका जश्न मनाकर हम अपने जीवन को प्रकाशित बनाए रखते हैं, की एक लंबी सूची है। मानसून के चले जाने के बाद अक्टूबर-नवंबर के महीने में, साफ आसमान के साथ ये त्यौहार आते हैं इसके बाद तो मानों पूरा देश त्योहार के जश्न में डूब जाता है। ये दो महीने त्योहारों से भरे हुए होते हैं और अक्टूबर और नवंबर 2018 के सभी शीर्ष भारतीय त्यौहारों की सूची नीचे दी गई है:

अक्टूबर में मनाए जाने वाले त्यौहार

नवरात्रि

कब: 10 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक

नवरात्रि, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘नौ रातें’ है, आदिशक्ति के एक रूप में देवी दुर्गा की पूजा हर साल दो बार की जाती है। नवरात्रि शरद ऋतु के दौरान मनाई जाती है जिसे शारदीय नवरात्रि के रूप में जाना जाता है। महालया अमावस्या (नया चंद्रमा) के एक दिन बाद से शुरू और दशहरा पर समापन, इन नौ दिनों और रात में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।

  • देवी दुर्गा के नौ रूपों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंद माता, कात्यायनी, कालरात्री, महा गौरी और सिद्धिदात्री शामिल हैं।
  • भारत के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में, लोग नौ दिनों तक उपवास करते हैं और केवल सत्त्विक भोजन लेते हैं, जिसका अर्थ है ‘शाकाहारी’ आहार और सूर्यास्त में उपवास तोड़ते हैं। समारोह में लोग सुबह से शाम तक डांडिया और रास गरबा का (गुजरात के नृत्य) प्रदर्शन करते हैं।
  • देवी दुर्गा की मूर्तियों को, जैसा कि पौराणिक कथाओं में चित्रित किया गया है, शेर की सवारी के रूप में अलग-अलग जगहों पर स्थापित किया जाता है और 10 दिनों तक पूजा-अर्चना की जाती है।
  • दक्षिण भारत में, विशेष रूप से तमिलनाडु राज्य में, नवरात्रि गोलू के रूप में मनाया जाता है, जहां 9 दिनों तक अन्य मिट्टी की मूर्तियों के साथ घर में देवी दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है। ऐसा माना जाता है कि ये नौ दिन वे दिन हैं जब देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध करने के लिए ध्यान किया था और 9वें दिन महिषासुर, दानव राजा, का वध कर दिया।

दुर्गा पूजा

कब: 15 अक्टूबर से 19 अक्टूबर 2018 तक

पश्चिम बंगाल और असम में दुर्गा पूजा सबसे ज्यादा प्रसिद्ध त्यौहारों में से एक है।

  • पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा नवरात्रि के छठे दिन, यानी महाशक्ति के दिन पर शुरू होती है।
  • ऐसा माना जाता है कि महिषासुर का वध करने के बाद देवी दुर्गा, कैलाश पर्वत पर अपने पति भगवान शिव के निवास स्थान पर जाने से पहले चार दिनों तक अपने माता-पिता के घर रहीं थीं।
  • देवी दुर्गा को चित्रित करने वाली मूर्ति में महिषासुर, जो बैल से प्रकट होता है, का वध करते हुए शेर पर सवार मां दुर्गा की प्रतिमा के साथ देवी दुर्गा के बच्चों के रूप में देवी सरस्वती, देवी लक्ष्मी, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय के साथ मूर्तियां विभिन्न जगहों में खूबसूरती से निर्मित पांडलों में स्थापित की जाती हैं।
  • भगवान गणेश की पत्नी को दर्शाते हुए केले का पौधा भी मूर्तियों के साथ स्थापित किया जाता है।
  • माँ दुर्गा का स्वागत हर साल बहुत ही उत्साह के साथ किया जाता है और ढ़ोल (ड्रम) तथा शंख की आवाज हवा में गूंजती है।
  • दसवें दिन, महा दशमी को, मूर्तियों को नदियों में विसर्जित कर दिया जाता, जो कैलाश के लिए माँ दुर्गा के प्रस्थान का प्रतीक है।

दशहरा

कब: 19 अक्टूबर 2018

नवरात्रि के दसवें दिन को पूरे भारत में दशहरा के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन, भगवान राम ने रावण का वध किया था। यह मूल रूप से बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

  • पटाखों से भरे रावण की बड़ी प्रतिमाएं खुले मैदान में खड़ी होती हैं और फिर उनमें आग लगाई जाती हैं। यह लंका के असुर राजा रावण के वध का प्रतीक है।
  • विशाल भीड़ इसे देखने के लिए आती है और जैसे ही पुतला जलता है पटाखें रात में आकाश को उजाले से भर देते हैं, वहां सब बहुत खुश होते हैं और लोग एक-दूसरे को दशहरा की शुभकामनाएं देते हैं।
  • कुल्लू में, दशहरा देवी हिडिम्बा की पूजा करने के लिए मनाया जाता है, जो पौराणिक कथाओं के अनुसार भीम की पत्नी और घटोत्कच की मां थीं।
  • दशहरा कर्नाटक में एक प्रमुख त्यौहार है और राक्षस महिषासुर पर चामुंडेश्वरी के रूप में देवी शक्ति की जीत के रूप में मनाया जाता है। मैसूर में दशहरा बहुत ही प्रसिद्ध है, मैसूर पैलेस लगभग 1 लाख बल्बों के साथ सुसज्जित होता है।

करवा चौथ

कब: 27 अक्टूबर

करवा चौथ हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है, जिसे उत्तर भारत की महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। पत्नियां सुबह से अपने पतियों की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और इसे चाँद निकलने पर तोड़ती है।

  • करवा चौथ, ढलते चाँद पखवाड़े के चौथे दिन मनाया जाता है।
  • उत्तर भारत में महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी खाती है (फल और मिठाई उनकी सास द्वारा दी जाती हैं) और चाँद निकलने तक निर्जल (बिना पानी के) व्रत रखती हैं।
  • चाँद निकलने पर, महिलाएं चाँद की पूजा करती हैं और फिर अपने पति के हाथों से पानी की पहली घूंट पीने से पहले अपने पति को चलनी के माध्यम से देखती हैं।
  • यह दिन बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है और महिलाएं सोलह श्रंगार से खुद को सजाती हैं, जिसका मतलब है कि 16 प्रकार के श्रृंगार जो दुल्हन पहनती हैं; हाथों में मेंहदी, दुल्हन का मेकअप, गहने और कई अन्य चीजें।

नवंबर में मनाए जाने वाले त्यौहार

धनतेरस

कब: 5 नवंबर

धनतेरस का त्यौहार धन की देवी लक्ष्मी और समृद्धि के देवता भगवान गणेश की पूजा करने के लिए मनाया जाता है।

  • धन का शाब्दिक अर्थ है ‘संपत्ति’ और तेरस ‘त्रयोदस’ यह त्योहार पूरे भारत में हिंदू महीने के अश्विन के कृष्ण पक्ष के तेरहवें दिन मनाया जाता है।
  • धनतेरस को ‘धनत्रयोदशी’ और ‘धनवंतरी त्रयोदशी’ भी कहा जाता है।
  • पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन धनवंतरी दिव्य महासागर के मंथन से अमृत के घड़े के साथ निकले थे।
  • इस दिन, पूरे भारत में घरेलू और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को सजाया जाता है और देवी लक्ष्मी तथा भगवान गणेश को बहुत उत्साह से सम्मानित किया जाता है।

काली पूजा

कब: 6 नवंबर

काली पूजा जिसे श्यामा पूजा के रूप में भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर के अनुसार,अश्विन महीने के नए चंद्रमा के दिन पर मनाई जाती है। यह त्यौहार पश्चिम बंगाल, उड़ीसा तथा असम में मनाया जाता है और यह त्यौहार दिवाली से एक दिन पहले आता है।

  • ऐसा माना जाता है कि इस दिन, देवी शक्ति ने माँ काली का भयंकर रूप लेकर असुर राजा शुंभ और निशुंभ का वध किया था।
  • माँ काली की मां के रूप में पूजा की जाती है और माँ काली संरक्षण के साथ ही साथ विनाश का प्रतीक हैं।
  • विभिन्न जगाहों में पांडल बनाए जाते हैं और माँ कली की मूर्ति स्थापित की जाती है, जिसमें माँ विक्राल रूप धारण किए हुए हैं इस रूप को शांत करने के लिए भगवान शिव जमीन पर लेट जाते हैं जिसे देखकर मां की जीभ बाहर निकल आती है। नए चंद्रमा की रात को मध्यरात्रि में स्थापना और पूजा की जाती है।

दीपावली

कब: 7 नवंबर

रोशनी का बहुत ही प्रसिद्ध उत्सव, दिवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, पूरे भारत में विशेष उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पांच दिवसीय त्यौहार है जो धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज के साथ समाप्त होता है।

  • हर साल हिंदू कैलेंडर के अश्विन महीने के कृष्णा पक्ष के 13 वें चंद्र दिन पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।
  • उत्तर भारत में, ऐसा माना जाता है कि लंका में राक्षस राजा रावण को पराजित करने और उसका वध के बाद भगवान राम अयोध्या लौटे थे।
  • दक्षिण भारत में, भगवान कृष्ण द्वारा राक्षस राजा नरकासुर का वध का जश्न मनाने के लिए, नए चंद्रमा के एक दिन पहले नरक चतुर्दशी पर दिवाली मनाई जाती है।
  • दिवाली खुशी, उत्साह के साथ रोशनी का त्यौहार है। बिजली और मिट्टी के दिये चारों तरफ जलाए जाते है और पटाखों की आवाज हवा में गूंजती है।

आप सभी पाठकों को इन त्योहारों की शुभकामनाएं

त्योहार आपके जीवन को जश्न की तरह मनाने का केवल एक बहाना है। भारत में प्रत्येक त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यहां सभी भारतीयों की खुशी, स्वास्थ्य और समृद्धि की इच्छा और शुभकामनाएं। इस शुभ माह में आपके पास बहुत अच्छा समय है।