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मोदी ने जाली मुद्रा और काले धन के खिलाफ शुरू की सबसे बड़ी लड़ाई

November 10, 2016


भारतीय रुपए और सिक्के

भारतीय रुपए और सिक्के

8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। उन्होंने घोषणा की कि 8 नवंबर की आधी रात से 500 और 1000 रुपए के नोट बंद हो जाएंगे। उनकी जगह नए 500 और 2000 रुपए के नोट बाजार में एंगे, जो 10 नवंबर 2016 के बाद बाजार में धीरे-धीरे आएंगे।

प्रधान मंत्री ने वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) की सलाह पर यह काम किया; चिंता इस बात की थी कि संदेहास्पद मुद्रा का चलन 13 गुना बढ़ गया था। इसका इस्तेमाल आतंकी और अन्य आपराधिक गतिविधियों में हो रहा था। यह सलाह वित्त मत्री को दोपहर में ही भेजी गई थी और इस कदम में आकस्मिक फैसले लेने जरूरी हो गया था।

यहां, हमें यह कहना होगा कि इस कदम पर योजना बनाई गई। पूरी गोपनीयता बरती गई। टीवी शो पर प्रधान मंत्री की घोषणा होने तक किसी को कानों-कान खबर नहीं थी। सरकार ने इतना बड़ा सुधार किया और बड़े-बड़े कारोबारियों तक को जानकारी नहीं मिली। ऐसा भारत में पहली ही बार हुआ है।

वह सब जो आप जानना चाहते हैं

मौजूदा 500 और 1000 रुपए के नोट्स 8 नवंबर 2016 की आधी रात के बाद अपनी कानूनी वैधता खो देंगे।

नए 500 और 2000 रुपए के नोट 10 नवंबर और उसके बाद मौजूदा 500 और 1000 नोटों के बदले जारी होंगे।

सभी एटीएम 9 नवंबर को बंद रहेंगे और सभी बैंक भी बंद रहेंगी।

10 और 11 नवंबर 2016 के बीच सरकारी अस्पताल और फार्मेसी, रेलवे, एयरलाइंस और बस डिपो में मौजूदा नोट स्वीकार किए जाएंगे। लेकिन वह भी प्रति व्यक्ति प्रति लेन-देन महज 5000 रुपए। यह सुविधा आपात राहत के तौर पर दी गई है।

लोगों के पास 30 दिसंबर 2016 तक का वक्त है। वे इन 50 दिन में पोस्ट ऑफस या बैंक या एक्सचेंज जाकर नए नोट्स के बदले या छोटे नोट्स के बदले पुराने नोट्स को बदलवा सकते हैं।

25 नवंबर तक 2016 तक नगदी निकासी की सीमा 4000 रुपए होगी।

एटीएम से निकासी की सीमा 2000 रुपए रहेगी।

बैंकों से एक दिन में अधिकतम 10,000 रुपए ही निकाले जा सकेंगे।

शुरुआती अवधि में नोटों को बदलने की सीमा धीरे-धीरे बढ़ाई जाएगी। खासकर अर्थव्यवस्था में नई मुद्रा जैसे-जैसे जारी होगी, सीमा भी बढ़ती जाएगी।

अर्थव्यवस्था पर असर

अवैध तरीके से 500 और 1000 रुपए के नोटों को जमा करने वालों के लिए इसका मूल्य शून्य हो जाएगा। डर सिर्फ इतना है कि वे आम लोगों का इस्तेमाल करेंगे और इस करेंसी को बैंकों, पोस्ट ऑफिस और एक्सचेंज से बदलवाएंगे। पुराने के जगह नए नोट ले लेंगे।
अर्थव्यवस्था में प्रवाहित हो रही जाली मुद्रा चलन से बाहर हो जाएगी। कम से मध्यम अवधि तक तो इसका असर हमें देखने को मिल ही जाएगी। जाली मुद्रा वाले भी तो आखिर नई मुद्रा के नकली नोट बनाने की कोशिश करेंगे।

सरकार ने कहा है कि नया कदम मुद्रास्फीति से लड़ने में भी मददगार होगा। मुद्रास्फीति पर इसका असर काफी कम होगा क्योंकि सरकार इसे सहन करने की लागत उठाएगी।

लघु अवधि में, रेलवे जैसे सेक्टर पर इसका असर पड़ेगा। निर्माण जैसे क्षेत्रों पर भी लघु से मध्यम अवधि में असर दिखाई देगा। हालांकि, समय के साथ सब स्थिर हो जाएगा।

जो राजनीतिक दल नगदी पर जीवित हैं, उन्हें बड़ा झटका लगेगा।

जिन व्यापारियों ने काले धन को जमा कर रखा है, उन्हें करारा झटका लगने वाला है। इसकी वजह से कमोडिटी की कीमतें बढ़ सकती हैं।

नागरिकों में कैश-लेस ट्रांजेक्शन की ओर रुझान बढ़ेगा।

उत्तर प्रदेश और पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों पर इसका गहरा असर पड़ेगा। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि जिन पार्टियों या नेताओं के पास अवैध रूप से काला धन रखा है, उनके लिए फंडिंग एक बड़ी समस्या बन जाएगी।

2000 रुपए के नोट जारी करने पर उठ रहे हैं सवाल

प्रधान मंत्री ने घोषणा की है कि 1000 रुपए के नोट को बंद करने का उद्देश्य काले धन और जाली मुद्रा को मार्केट से बाहर करना है। नए 500 रुपए के नोट्स के साथ जाली मुद्रा तो बाहर हो जाएगी, लेकिन नए 2000 रुपए के नोट से काले धन को जमा करने की समस्या फिर पैदा हो सकती है।

वित्त सचिव शक्तिकांत दास ने साफ किया कि 2000 रुपए की करेंसी नोट को मुद्रा के विनिमय को आसान बनाने के लिए लाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 2000 रुपए के नोट का नियमन और निगरानी आरबीआई करेगी।

आने वाले दिनों में, सरकार बेहतर स्पष्टीकरण के साथ सामने आएगी कि जब काले धन के खिलाफ लड़ाई में 500 और 1000 रुपए के नोट को बंद किया जा रहा है तो 2000 रुपए का नोट जारी करने की जरूरत क्या है। विपक्ष ने तो इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाना शुरू भी कर दिया है।

किसने क्या कहाः

इंडिया इंक ने काले धन और जाली मुद्रा को अर्थव्यवस्था से बाहर करने के इस सुधारवादी और समय पर उठाए कदम की सराहना की है।

चंदा कोचर- एमडी और सीईओ, आईसीआईसीआई बैंक, ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि इससे काले धन का प्रवाह रोकने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कुछ दिन के लिए लोगों को परेशानी हो सकती है, लेकिन उसके बाद में स्थिति सामान्य हो जाएगी।

राहुल बजाज- पूर्व-चेयरमैन, बजाज ऑटो, ने प्रधान मंत्री मोदी की इस बड़े सुधार के लिए उठाए कदम की तारीफ करते हुए इसे बोल्ड स्टेप बताया।

जस्टिस एमडी शाह- प्रमुख, काले धन पर बनी एसआईटी, ने कहा कि अर्थव्यवस्था से काले धन और जाली मुद्रा को बाहर करने में यह कदम मददगार साबित होगा।

बिबेक देबरॉय, सदस्य, नीति आयोग- ने कहा कि सरकार को लेन-देन के छोटे खर्च को उठाना पड़ सकता है। उन्होंने 2000 रुपए के नोट्स से काले धन के कम होने के बजाय बढ़ने के डर को दूर करने की कोशिश की। उन्होंने यह भी पुष्टि की कि 500 और 2000 रुपए के नोट मार्केट में लाने का फैसला कैशलेस सोसायटी की ओर एक अहम कदम है।

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